इक दिन दिल ने आकर पूछा

इक दिन दिल ने आकर पूछा, क्या है जो घबराती हो।
इक बार ज़रा बताके देखो , क्या है जो शर्माती हो।।

बात बात पे हस देती हो , बात बात पे रो देती !
पागल हो मनचली हो तुम,
क्या सोच के नज़र चुराती हो। ।
इक दिन दिल ने आकर पूछा ... 

जल्दी जल्दी हरपल जल्दी , हर घड़ी हर काम में जल्दी।
आखिर किस से भाग रही हो, है लक्ष्य क्या जो मिला नहीं।
किसकी है तलाश जहाँ में,
  क्या सोच के नम हो जाती हो। ।
इक दिन दिल ने आकर पूछा ... 

पास बैठे दोस्त जब , कुछ बात पुरानी करते हैं।
जब रात दीवानी होती है,
 वो बात सायानी होती होती है।
गहरी सांसे आँखें नम,
 क्या सोच के चुप  हो जाती हो।
इक दिन दिल ने आकर पूछा ... 

प्यार, मोह्ब्बत, इश्क़, वफ़ा - ये बातें हैं बस नाम की।
हुआ ना कोई किसी का जग में,
दुनिया है सब काम की।
घंटों रातें जाग जागकर ,
 क्यों व्यर्थ अश्रु बहाती हो। ।
इक दिन दिल ने आकर पूछा ... 

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