बढ़े चलो

चल फिर से उठ चलें ऐ दिल! के धूप सुहानी छायी है। 

कुछ मौसम ने है रुख बदला, कुछ आस अनोखी आयी है।

चल फिर से उठ चलें ऐ-दिल ----

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