Short poems and quotes about Life
कुछ पल ठहर, भले थम जा कहीं, पर वापिस मुड़ना अब सही नहीं।
ना गिरना तेरे बस में था , ना हार को कोई रोक सका।
पर गिर के उठ और फिर से लड़, मंज़िल पाना अभी बाकी है।
अभी तो चलना बाकी है। -rEkHS
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